Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

तुम गए हो यूँ

तुम गए हो यूं, ये मुझे क्या हो रहा है।
तुम गए हो यूं, आज आसमान भी रो रहा है।।

कल तक तो साथ मेरे, आज क्यूँ बेदिली सी है।
इतना अकेला और अकेला,ये बादल क्यों ग़रज रहा है।।

तुम्हारी याद में मैं कासिर हूँ, यह मुनासिब तो नहीं।
तुमने कहा था ऐसा नहीं होगा, नासिर…! ये सब जो हो रहा है।।

तुम्हें ना पसंद, ना सही, मेरा तो ज़रूर है।
एक अकेला जैसा भी है, मेरा इक गुरुर है।।

अब भी उदास हूं कुछ यूं इस तरह मैं।
ये बादल भी आज, मेरे साथ रो रहा है।।

जाने कितना और कितना, ख़लिश तेरी तोड़े जाती है।
याद ब’आद आती है, सम’आ ये परख खो रहा है।।

ये कैसी उलझन है? क्या ये ख़लिश है।
जो कुछ करने जा रहा हूं, सब हो रहा है।।

और ये जो बेबसी-ए-राज जानना चाहते हो तुम।
आप ही देख लो, मन क्या कृतियाँ बुनो रहा है।।

70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चंद शेर
चंद शेर
Shashi Mahajan
कसौटी जिंदगी की
कसौटी जिंदगी की
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सादगी अच्छी है मेरी
सादगी अच्छी है मेरी
VINOD CHAUHAN
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
मोहब्बत का पैगाम
मोहब्बत का पैगाम
Ritu Asooja
मिथिला बनाम तिरहुत।
मिथिला बनाम तिरहुत।
Acharya Rama Nand Mandal
यह वर्ष हमारी नगरी के श्री राम लीला समारोह का 75वां (हीरक जय
यह वर्ष हमारी नगरी के श्री राम लीला समारोह का 75वां (हीरक जय
*प्रणय*
फिर वही
फिर वही
हिमांशु Kulshrestha
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
औरत औकात
औरत औकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
“बोझिल मन ”
“बोझिल मन ”
DrLakshman Jha Parimal
मैं हूं न ....@
मैं हूं न ....@
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
धर्म या धन्धा ?
धर्म या धन्धा ?
SURYA PRAKASH SHARMA
Neeraj Chopra missed the first 🥇 diamond league title by 0.0
Neeraj Chopra missed the first 🥇 diamond league title by 0.0
पूर्वार्थ
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़रूरत में ही पूछते हैं लोग,
ज़रूरत में ही पूछते हैं लोग,
Ajit Kumar "Karn"
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
Ranjeet kumar patre
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
Rituraj shivem verma
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
रुपेश कुमार
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
4146.💐 *पूर्णिका* 💐
4146.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
मोहन सी प्रीति
मोहन सी प्रीति
Pratibha Pandey
पत्रकारिता सामाजिक दर्पण
पत्रकारिता सामाजिक दर्पण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"साथ-साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
Phool gufran
Let's Fight
Let's Fight
Otteri Selvakumar
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
Neelofar Khan
Loading...