Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

तुम गए हो यूँ

तुम गए हो यूं, ये मुझे क्या हो रहा है।
तुम गए हो यूं, आज आसमान भी रो रहा है।।

कल तक तो साथ मेरे, आज क्यूँ बेदिली सी है।
इतना अकेला और अकेला,ये बादल क्यों ग़रज रहा है।।

तुम्हारी याद में मैं कासिर हूँ, यह मुनासिब तो नहीं।
तुमने कहा था ऐसा नहीं होगा, नासिर…! ये सब जो हो रहा है।।

तुम्हें ना पसंद, ना सही, मेरा तो ज़रूर है।
एक अकेला जैसा भी है, मेरा इक गुरुर है।।

अब भी उदास हूं कुछ यूं इस तरह मैं।
ये बादल भी आज, मेरे साथ रो रहा है।।

जाने कितना और कितना, ख़लिश तेरी तोड़े जाती है।
याद ब’आद आती है, सम’आ ये परख खो रहा है।।

ये कैसी उलझन है? क्या ये ख़लिश है।
जो कुछ करने जा रहा हूं, सब हो रहा है।।

और ये जो बेबसी-ए-राज जानना चाहते हो तुम।
आप ही देख लो, मन क्या कृतियाँ बुनो रहा है।।

33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ जीवन मूल्य।
■ जीवन मूल्य।
*प्रणय प्रभात*
हे मन
हे मन
goutam shaw
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
Mahender Singh
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
गुमनाम 'बाबा'
हरकत में आयी धरा...
हरकत में आयी धरा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"कलम का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
अशोक चाँद पर
अशोक चाँद पर
Satish Srijan
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
parvez khan
23/40.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/40.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी तेरी हद
ज़िंदगी तेरी हद
Dr fauzia Naseem shad
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*सीता जी : छह दोहे*
*सीता जी : छह दोहे*
Ravi Prakash
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
रेखा कापसे
ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़
Dr. Rajeev Jain
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
HEBA
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
Ranjeet kumar patre
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
कविता
कविता
Shiva Awasthi
आ ठहर विश्राम कर ले।
आ ठहर विश्राम कर ले।
सरोज यादव
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
होठों को रख कर मौन
होठों को रख कर मौन
हिमांशु Kulshrestha
फ़ितरत का रहस्य
फ़ितरत का रहस्य
Buddha Prakash
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
ऐ वतन
ऐ वतन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...