तुम ख्वाब हो।
मेरी नज़रों का देखा तुम ख्वाब हो।
रात में चमकते सितारो का तुम महताब हो।।1।।
कैसे बयां करूं मैं तुम्हारे हुस्न को।
यूं समझ लो फूलों में खिला तुम गुलाब हो।।2।।
मेरी नजर मुंतजर है तेरे दीदार को।
दिल करें फिरसे जी लूं तेरे हर अहसास को।।3।।
तेरी दुआओं में हो इतना तो असर।
कि पूरी करने को खुदा हर पल तैय्यार हो।।4।।
दिल तुम्हारी मोहब्बत को कैसे भूले।
तुम दूर होकर भी लगे दिल के बड़े पास हो।।5।।
काश मौत आए तुम्हारी आगोश में।
हंसते हुए दम निकले लबों पे तेरा नाम हो।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ