तुम क्षणिक हो
जीवन मिला है कुछ कर कर जाना। अच्छी नौकरी, उच्च वेतन ये सब नहीं ये तो खाक है मर जाने के पश्चात! और मरना शास्वत है कभी भी, किसी की भी मृत्यु कभी भी, करने का औचित्य कुछ मानवीय मूल्यों को सदृढ़ बनाकर, इस प्रकृति से लेते हुवे कुछ देकर जाना, उड़ती पंक्षियों के लिए खुली कुछ जगह छोड़ देना, झरनों के लिए खोखले किनारे भी रख कर जाना और प्रेमियों के लिए अथाह प्रेम, क्योंकि तुम जो भी हो बस क्षणिक हो, तुम्हारे बाद भी कई मेहमान और आएंगे यहां।
©️®️ Brij
???