तुम कितने प्यारे हो
डॉ अरुण कुमार शास्त्री ।
ek abodh balak
मुझे बहुत ही प्यार आता है उन सभी पर
जो नम्र है सुसंस्कृत है मित्रवत व्यवहार है उनका
मुझे बहुत ही प्यार आता है उन सभी पर
जो इंसान है इंसानियत की नियत रखते हैं
मुझे बहुत ही प्यार आता है उन सभी पर
वे सभी मुझे ईश्वर के सच्चे बालक लगते हैं
मुझे बहुत ही प्यार आता है उन सभी पर
मेरे आँसू (खुशी के ) छलक आते है नयनों के कोरों से
मुझे लगता है उन्हें में अपने हृदय से लगा लूँ ।
वे सभी बहुत सुन्दर हैं आत्मा से शरीर से दिल से
मुझे बहुत ही प्यार आता है उन सभी पर
मुझे बहुत ही प्यार आता है उन सभी पर
मुझे बहुत ही प्यार आता है उन सभी पर