Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं

इतना भी नहीं अफ़सोस, आशिक़ी का हमें,
कि तुम चाहो, और हम इश्क़ से मुक़र जाएं।
☘️☘️
उम्र ढलती रही, लेकिन दिल जवां होता रहा,
तुम कहो तो, उम्र को भी दरकिनार कर जाएं।
☘️☘️
शोला-बदन तुम, दिल कूचा-कूचा दहक रहा है,
कड़कड़ाती जनवरी, तुमसे दूर भी किधर जाएं।
☘️☘️
सुबह ख़्वाब बुनता हूँ, शाम ज़िद छोड़ देता हूँ,
ऐसा भी नहीं कि, हम किसी मोड़ पे ठहर जाएं।
☘️☘️
पाप-पुण्य, जो भी हो तुम्हारी कुर्बत का असर,
हो वस्ल तुम्हारा, हम भी दरिया पार तर जाएं।

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shreedhar
View all
You may also like:
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दूसरों को देते हैं ज्ञान
दूसरों को देते हैं ज्ञान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तेरा ग़म
तेरा ग़म
Dipak Kumar "Girja"
"आकांक्षा" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Let yourself loose,
Let yourself loose,
Dhriti Mishra
Migraine Treatment- A Holistic Approach
Migraine Treatment- A Holistic Approach
Shyam Sundar Subramanian
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
काला धन काला करे,
काला धन काला करे,
sushil sarna
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
मुहब्बत
मुहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
It’s all be worthless if you lose your people on the way..
It’s all be worthless if you lose your people on the way..
पूर्वार्थ
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
गम की मुहर
गम की मुहर
हरवंश हृदय
फितरत
फितरत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
3266.*पूर्णिका*
3266.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बड़े-बड़े डेम, बिल्डिंग, पाइप-लाइन लीक हो जाते हैं। पेपर लीक
*प्रणय प्रभात*
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
ओ पंछी रे
ओ पंछी रे
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*भादो श्री कृष्णाष्टमी ,उदय कृष्ण अवतार (कुंडलिया)*
*भादो श्री कृष्णाष्टमी ,उदय कृष्ण अवतार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कविता के अ-भाव से उपजी एक कविता / MUSAFIR BAITHA
कविता के अ-भाव से उपजी एक कविता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
* मन बसेगा नहीं *
* मन बसेगा नहीं *
surenderpal vaidya
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
पुष्पेन्द्र पांचाल
Loading...