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31 Aug 2024 · 1 min read

तुम कहते हो कि ज़माना अच्छा नहीं

तुम कहते हो कि ये जमाना अच्छा नहीं, पर इस तरह
तो सबकी नीयत पर सवाल उठाना अच्छा नहीं।

कल तक तो हम दो जिस्म इक जान थे, लेकिन
आज तेरा नाम मेरे नाम के साथ आना अच्छा नहीं।

जो बात आई है ज़ुबान पर उसे कह भी दो,
बारिश की बूंदों का यूं बिन बरसे लौट जाना अच्छा नहीं।

जब भी बात हो मेरी तो हंसकर टाल देना तुम,
गहरी नींद से किसी को जगाना अच्छा नहीं।

मेरे सवालों का जवाब तुम दे न सकोगे,
यही कहोगे कि हर सवाल का जवाब बताना अच्छा नहीं।

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