तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं ? अपने कर्म पे विश्वास रखो । समय लगेगा, लेकिन मंजिल एकदिन जरूर मिलेगी, और वो समय तुम्हारे लिए सबसे बेहतर होगी । एकबात और यह कि जो निःस्वार्थ भाव से तुम्हारा साथ दिया होगा उसे कभी भुलना नहीं । बस इतना याद रखना कि जब कोई बहुमंजिली इमारतें बनती है तो उसके नींव पड़ने में भी काफी समय लग जाते हैं, तो जरा सोचो जो इमारतें पुर्व से बनी हुई है, उसे खुबसूरत बनने में कितना समय लगा होगा ।