तुम और मैं***4
नहीं रखते हो इत्तफाक अगर
तो कोई मशबरा भी दीजिए
बैठे बैठे बस यूं ही तुम
बातें न बनाया कीजिए….
बहुत आसान होता है
बस यूं मुंह हिला देना
बात बने तब , जब
हाथ भी हिलाया कीजिए…..
ये गलत, वो गलत
तब गलत, अब गलत
तो सही कैसे हो ,कभी
इस पर भी बोला कीजिए…..
बहुत हसीन है ये डगर
चलो चलें साथ मिलकर
छोड़ो ये तुम और मैं
हम पर ज़रा आया कीजिए !