तुम एक बूंद बनने का
तुम एक बूंद बनने का
साहस तो करो
फिर देखो कैसे मैं तुम्हारे लिए
बाहें फैलाये
तुम्हारा आलिंगन करने
तुम्हें प्यार से
अपने आगोश में भरने के लिए
एक प्रेम का गहरा,
विशाल और ठहरा हुआ
कभी अपने रंग न बदलने वाला
कभी विश्वासघात न करने वाला
कभी किसी नौका को न डूबाने वाला
हर किसी को किनारे तक
पहुंचाने वाला
उसकी मंजिल का पता
बताने वाला
एक किनारे का मनोहारी दृश्य
दिखाने वाला
समुंदर बनता हूं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001