प्रणय 8
तुम उस समाज की खुशी के लिए अपनी खुशी को छोड़ रहे हो
जो सिर्फ तुम्हारी खुशी ही मनाना जानते हैं
दुख में साथ खड़े रहना नहीं।।
तुम उस समाज की खुशी के लिए अपनी खुशी को छोड़ रहे हो
जो सिर्फ तुम्हारी खुशी ही मनाना जानते हैं
दुख में साथ खड़े रहना नहीं।।