“तुम आ जाते एक बार “
कितनी वेदना कितना इंतजार ,
जीवन में आ जाता बहार ,
”तुम आ जाते एक बार ”।
खिल जाती मन की डाली ,
छलक जाता अधरों पर ,
हंसी की प्याली ,
मिल जाता मेरा संसार ,
” तुम आ जाते एक बार ”।
जो थाम लेते हाथ तो ,
गम भी अच्छा लगता ,
जो चल देते साथ तो ,
पथ मे उजला होता ,
मिल जाती मेरी मंजिल ,
चाहे राहों में रहता अंगार ,
” तुम आ जाते एक बार ”।
छुपा लूं तुझको दिल में ,
यह आस है मेरी ,
पी जाऊं तुझको आंखों से ,
यह प्यास है मेरी ,
तू हिम्मत है ,ताकत है ,
जीने की चाहत है ,
थम न जाए कहीं ,
आते .आते सासों का तार ,
”तुम आ जाते एक बार ”।
**** ”सुनील पासवान .कुशीनगर ” ****