तुम्हे याद नहीं आई ___ मुक्तक
तुम्हे याद नहीं आई _ चलो हम ही चले आए।
दूर थे तुमसे तो क्या हुआ तुम्हे भूल न पाए।।
व्यस्थाओ के बोझ थे_ मिल पाते नही रोज़ थे।
निकाला है वक्त तुम्हारे लिए मिलने चले आए।।
राजेश व्यास अनुनय
तुम्हे याद नहीं आई _ चलो हम ही चले आए।
दूर थे तुमसे तो क्या हुआ तुम्हे भूल न पाए।।
व्यस्थाओ के बोझ थे_ मिल पाते नही रोज़ थे।
निकाला है वक्त तुम्हारे लिए मिलने चले आए।।
राजेश व्यास अनुनय