तुम्हे पाना महज एक ख्वाब है… !!
आज किसी का चेहरा दिन- रात मेरी आँखों मे समाया रहता है,
वो हसीं रात कि चांदनी सी है, जो हरदम चाँद के करीब होती है, वो एक ख्वाब सी है, जो देता बहुत जूनून है,
उसका नाजनीन चेहरा देता बहुत सुकून है.. ¡
कभी मैं भी सोचता हूं, कि उसके तबस्सुम को म और निखार दू,
पर हकीकत मे उससे मिलना होता नहीं है..!
चाहूं तो राज बनकर छुपा लू उसे, या जाम बना के झलका दू उसे,
वो चाहत कि कश्ती है, वो दिल का काफिला है… !
उसे जो सपनो कि दुनिया मे जो बादशाहीयत नसीब है, उसकी मेरे दिल ने किसी को इजाजत नहीं दी है..!
हर रोज निकलता हूं उसके दीदार को, जो मुझ नाचीज़ कि किस्मत मे नहीं है,
हर सुबह सूरज कि लाली आँखों को चमका देती है,
उसके दिल कि धड़कन यारा मेरा दिल धड़का देती है..!
सोचता रहता हूं शाम -ओ – सुबह उसके इश्क़ की ख्वाहिश मे,
जाने कितनी रातें बाकि… चांदनी तले बितानी होंगी !
अब आहट-सी होती है , जैसे वो मेरे रूबरू है,
और यही समझते दिन ढलते रात होती शुरू है..!
उसका होना मेरे लिए, ये.. मुमकिन हो शायद ख्वाब मे, मै ही भूल गया था यारो… कि उसे पाना मेरे लिए…महज़ एक ख्वाब है… !!