“तुम्हें कितना मैं चाहूँ , यह कैसे मैं बताऊँ ,
“तुम्हें कितना मैं चाहूँ , यह कैसे मैं बताऊँ ,
इस दिल में बसी तस्वीर , तुम्हें कैसे मैं दिखलाऊँ ,
सच कहूं तो दिल की धड़कनो में रमी हो तुम ,
जो खुद है धुन मेरी , उसे कैसे मैं सुनाऊँ l”
“नीरज कुमार सोनी”
जय श्री महाकाल 🕉️