तुम्ही हो जय नवोदय
हे! नवोदय तुम्ही हो जय नवोदय
सर्व समर्पित हो तुम्ही जय नवोदय
भोर हो गई है, तुम्हें अब जागना है
पंख लगाके दूर तक तुम्हें उड़ना है
बाधा पार के क्षितिज से मिलना है
कर्ण सा कर प्रण तुम्हे ही करना है
भारत भाग्य विधाता तुम्ही नवोदय
सर्व समर्पित हो तुम्ही जय नवोदय
जीत कर भी तुमने क्या पा लिया
हार कर भी तुमने सब जीत लिया
माँ भारती के तुम सच्चे सपूत हो
सम भाव चले, सबसे तुम न्यारे हो
पथ पर पथिक चल बनो ज्ञानोदय
सर्व समर्पित हो तुम्ही जय नवोदय
गगन में देखिए ,तारे बहुत हैं सारे
तुम सितारे बनो ,सभी तारों से परे
तुम तो अटल हो, नभ में ध्रुव तारे
तुम्हे तो अभी चमकना जहां सारे
तुम्हे सदा चमकना चाहे अस्तोदय
सर्व समर्पित हो तुम्ही जय नवोदय
आओ मिल कर यह गान गाते हैं
सर्वोदय का बिगुल हम बजाते हैं
मातृभूमि आन -शान खातिर हम
अन्त्योदय का तिरंगा फहराते हम
तिमिर छट प्रकाश बढ़ हो सूर्योदय
सर्व समर्पित हो तुम्ही जय नवोदय
हे! नवोदय तुम्ही हो जय नवोदय
सर्व समर्पित हो तुम्ही जय नवोदय
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
(प्रेरणा जीत जितेन्द्र)