तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
मेरे इश्क़ की हर कहानी रहेगी।
दिवाना रहेगा, दिवानी रहेगी।
मुहब्बत सुनो खानदानी रहेगी।
कभी याद आऊँ पुनः लौट आना,
तुम्हारे लिए मेजबानी रहेगी।
गली गांव कूचा तुम्हें मैं न दूँगा,
तेरे नाम तो राजधानी रहेगी।
कोई शेर लिखता नहीं हूँ मैं उलझा,
ग़ज़ल है तो रौशन बयानी रहेगी।
निखालिस मुझे प्रेम कर ऐ सनम,
सभी काम को नौकरानी रहेगी।
ऋतुराज वर्मा
प्रबंधक
सरस्वती प्राथमिक शिशु मन्दिर
बहरिया प्रयागराज
मो.. 8953057283