तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
तुम्हारे बिन ज़िंदगी है सूनी तुम्हारे होने से है सुहानी
तुम्हीं हो आराध्य मेरे मन के तुम्हीं से रोशन है मेरी दुनिया
तुम्हीं से चलती हैं साँस मेरी तुम्हीं तो हो मेरी ज़िन्दगानी
डॉ अर्चना गुप्ता
28.11.2024