तुम्हारे हमारे
तुम्हारे-हमारे एहसासात की है ।
ज़िंदगी-मौत के सवालात की है ।।
कहानी के अंदर नया कुछ नहीं है ।
ये बात बस दिल-ए-जज़्बात की है।।
वाकिफ़ है इससे तू भी ए जानाँ ।
हक़ीक़त जो मेरे ख़्यालात की है ।।
न पूछो ये हमसे कि क्या बात की है ।
तसव्वुर में अक्सर मुलाक़ात की है ।।
तुम्हारे-हमारे एहसासात की है ।
ज़िंदगी-मौत के सवालात की है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद