तुम्हारे हमारे एहसासात की है
(10))
तुम्हारे हमारे एहसासात की है।
ज़िंदगी मौत के सवालात की है ।।
कहानी के अंदर नया कुछ नहीं है।
ये बात बस दिल-ए-जज़्बात की है।।
वाकिफ़ है इससे तू भी ए जानाँ ।
हक़ीक़त जो मेरे ख्यालात की है।।
न पूछो ये हमसे कि क्या बात की है।
तसव्वुर में अक्सर मुलाक़ात की है ।।
तुम्हारे हमारे एहसासात की है।
ज़िंदगी मौत के सवालात की है।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद