तुम्हारे साथ हर क्षण
शिशिर के कोहरे मेँ,
दोनों हाथ फैलाने से,
कोहरे के शीतल स्पर्श से,
यदि पुलकित होता हो मन,
तो सोच लेना, मैं हूं, मैं हूं..
तुम्हारे साथ हर क्षण ??
शिशिर के कोहरे मेँ,
दोनों हाथ फैलाने से,
कोहरे के शीतल स्पर्श से,
यदि पुलकित होता हो मन,
तो सोच लेना, मैं हूं, मैं हूं..
तुम्हारे साथ हर क्षण ??