तुम्हारे बीच आया हूं __ मुक्तक
आज फिर तुमसे मिलने को तुम्हारे बीच आया हूं।
दिल के अंदर से चित्र भावो के मैं खींच लाया हूं।।
महकते भाव है मेरे जरा खुशबू तुम भी ले लेना।
शब्दो की मेरी बगिया को_ चिंतन से सींच लाया हूं।।
राजेश व्यास अनुनय
आज फिर तुमसे मिलने को तुम्हारे बीच आया हूं।
दिल के अंदर से चित्र भावो के मैं खींच लाया हूं।।
महकते भाव है मेरे जरा खुशबू तुम भी ले लेना।
शब्दो की मेरी बगिया को_ चिंतन से सींच लाया हूं।।
राजेश व्यास अनुनय