तुम्हारें आगमन में
तुम्हारें आगमन में फूलों की बरसात हो जायें l
तू मुस्कुरायें जब खजा में बहार आ जायें ll
मेरे मन के सागर में इश्क की मौजे उठे ,
तेरी पाजेब की छन छन मुझको पास बुलायें ll
तेरी अदाए देखने को चाँद सितारे जमीं पे आयें l
तेरी इंद्रधनुष सी चुनरी को पुरवाइया उड़ायें ll
मधुर है तेरी सदायें कोयल सी पीहू सी l
जो भी गुजरे तेरी गली से दीवाना हो जायें ll
गर हवाए भी तुम्हें छूँ ले तो रुहानी हो जायें l
फागुन के पलाश गुलमोहर तेरे जीवन की राह सजायें ll
सागर की मौजे आ-आ कर तेरे पैरों को चुमें ll
तेरे लब से सूरज शाम की लाली चुरायें ll
दुष्यंत भी तेरी राह देखे बैठ अमवा छाँव में l
मेरी शायरी मेरे इश्क की चर्चे हो मोहतरा गाँव में ll
तेरे आने से मेघा बरसे कोयल पपीहा गीत गायें l
रुमानी सतरंगी मौसम गलियाँ गुलजार हो जायें ll
तसव्वुर में हमतुम खोयें रहें ये मौसम घड़ी ठहर जायें l
तेरी बाहों में आके लिपटे रहें बिन बादल बरसात हो जायें ll
मेरे दिलवर मेरे हमराही मेरे रब बस तू है बस तू ही है l
तेरे दिल की गली में शामो सहर ये आशिक नज़र आयें l
– दुष्यंत कुमार पटेल