‘तुम्हारी याद’
तुम पहचान ना सके हमें!
और तुम्हारी याद ने
मेरे कण-कण में
अपना बसेरा बना लिया है।
हम तन्हा कहाँ है?
तुम्हारा हमसे
फासला बना लेना
कोई मायने नहीं रखता
हमारे लिए ।
मेरी खामोशियाँ
और तुम्हारी यादें
बहुत बातें जो करती रहती हैं
मुझसे….
सुना तुमने…