तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
अगर करने लगूँ बातें तुम्हारी बात आती है
तुम्हें दिल उस तरह चूमने की चाह रखता है
ज़मीं को जिस तरह से चूमने बरसात आती है
-जॉनी अहमद ‘क़ैस’
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
अगर करने लगूँ बातें तुम्हारी बात आती है
तुम्हें दिल उस तरह चूमने की चाह रखता है
ज़मीं को जिस तरह से चूमने बरसात आती है
-जॉनी अहमद ‘क़ैस’