Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2023 · 1 min read

तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है

तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम खुश रहो तो मेरी दुनिया हसती है।

586 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Poetry Writing Challenge-3 Result
Poetry Writing Challenge-3 Result
Sahityapedia
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
"तेरे बगैर"
Dr. Kishan tandon kranti
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
Dr Archana Gupta
कन्या
कन्या
Bodhisatva kastooriya
...,,,,
...,,,,
शेखर सिंह
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कपट का भाव ईर्ष्या या निजी स्वार्थ से पैदा होता है।
कपट का भाव ईर्ष्या या निजी स्वार्थ से पैदा होता है।
Rj Anand Prajapati
पंचांग (कैलेंडर)
पंचांग (कैलेंडर)
Dr. Vaishali Verma
मुहब्बत
मुहब्बत
Dr. Upasana Pandey
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
Ravi Prakash
बुरे वक्त में भी जो
बुरे वक्त में भी जो
Ranjeet kumar patre
"नन्नता सुंदरता हो गई है ll
पूर्वार्थ
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Ram Krishan Rastogi
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मन तो करता है मनमानी
मन तो करता है मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
ज़िंदा   होना   ही  काफी  नहीं ,
ज़िंदा होना ही काफी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
Shweta Soni
ग्रन्थ
ग्रन्थ
Satish Srijan
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
अपना-अपना
अपना-अपना "टेलिस्कोप" निकाल कर बैठ जाएं। वर्ष 2047 के गृह-नक
*प्रणय*
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
कोई तो मेरा अपना होता
कोई तो मेरा अपना होता
Juhi Grover
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
gurudeenverma198
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम में और मुझ में कौन है बेहतर?
तुम में और मुझ में कौन है बेहतर?
Bindesh kumar jha
3759.💐 *पूर्णिका* 💐
3759.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरा होना इस कदर नाकाफ़ी था
मेरा होना इस कदर नाकाफ़ी था
Chitra Bisht
Loading...