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22 Oct 2021 · 1 min read

तुम्हारा प्यार

डरता हूं इस खयाल से कहीं तू छोड़ कर चल न दे कभी
जिंदगी बिन तेरे कुछ और नही बस खंडहर सी हो जाएगी

दिन रात बस तेरा खयाल तेरी आरजू ही करता हूं मैं
तू जो नहीं तो जिंदगी में और क्या हसरत रह जायेगी

चांद तारे सब देने आयेंगे जरूर गवाही उस दिन
प्यार मेरा जिस रोज ठुकराकर जो तू चली जाएगी

तेरा वजूद ही मेरे जीवन की एक मुकम्मल तस्वीर है
मेरी यादों से भला निकलकर तू कैसे कहीं चली जाएगी

प्यार मेरा किसी कुम्हार की माटी जैसा अनगढ़ नहीं
गढ़कर जिससे फिर कोई कैसे छवि नई बनाई जाएगी

जिंदगी मेरी तेरे प्यार के सिवा कुछ भी नही है प्रिये
तुम जो न होगी तो सांसें भी साथ मेरा छोड़ जाएंगी।

संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
20.10.2021

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