तुम्हारा नाम
मुमकिन है
मैं किसी दिन
तुम्हारे बगल से गुजर जाऊं…
और तुम्हें पता न चले
मेरे गुजर जाने के बाद
मेरे सांसों में बसा तुम्हारा नाम
हवा में तैरता हुआ
तुम्हारे कानों में फुसफुसाए
तुम्हारा ही नाम… और
जब तक तुम पलट कर देखो
मैं बिलीन हो चुकी होऊँ… नेपथ्य में।
~ पुर्दिल सिद्धार्थ