तुमसे रूठने का सवाल ही नहीं है ,
तुमसे रूठने का सवाल ही नहीं है ,
बस साथ तुम्हारे रहकर खुश रहना चाहता हूँ ।
हैं नदी तुम्हारी प्यारी प्यारी सी ये दो आँखें
मैं इन नदियों में खुशी खुशी बहना चाहता हूँ ।।
जब से मिला हूँ तुमसे
बातें बहुत हैं दिल में
बातें वो सब इश्क़ की हैं सनम
कितनी मुहब्बत है
कितनी इबादत है
बरसातें अब इश्क़ की हैं सनम
जितनी भी बातें हैं दिल में मेरे यारा
मैं तुमसे मिलकर वो सब कहना चाहता हूँ ।।
तुमसे रूठने का सवाल ही नहीं है मेरी जान,
बस साथ तुम्हारे रहकर खुश रहना चाहता हूँ ।