तुमसे कोई शिकायत नही
तुम अकेले जिंदगी ही जियो,हमे कोई शिकायत नही।
हमे अपने से शिकायत है,तुमसे कोई शिकायत नही।।
जरूरत पड़ती है,हर इन्सान को हर इन्सान से।
हो सकता है अब तुम्हे,मेरी कोई जरूरत नही।।
बगावत तुमने ही की थी,मैने कभी भी नहीं की।
चलो छोड़ो इन बातो को,अब कोई शिकायत नही।।
मोहब्बत के लिए जरूरी नही किसी की इजाजत ले।
मोहब्बत को इजाजत लेनी पड़े फिर कोई मोहब्बत नही।।
लिखता है रस्तोगी सच्चाई हमेशा अपनी कलम से।
झूठ लिखने की मुझे भी कभी कोई आदत नही।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम