तुमसे एक ही मुलाकात में दसियों गीत लिख डाया…….
तुमसे एक ही मुलाकात में दसियों गीत लिख डाया,
अनजाने या जाने में तुम्ही को अपना मीत लिख डाया,
बचपन से ही विश्वास के गीत पढ़कर कर के
मैं अपनी मोबब्ब्त में एक नयी रीत लिख डाया (अवनीश कुमार )
तुमसे एक ही मुलाकात में दसियों गीत लिख डाया,
अनजाने या जाने में तुम्ही को अपना मीत लिख डाया,
बचपन से ही विश्वास के गीत पढ़कर कर के
मैं अपनी मोबब्ब्त में एक नयी रीत लिख डाया (अवनीश कुमार )