तुमसा गर हमसफर नहीं होता!
2122….1212….22(112)
मेरा् जीवन गुजर ….नहीं होता!
तुमसा् गर हमसफ़र नहीं होता!
ईंट पत्थर से जो …..बनाया था
आज वो घर भी घर नहीं होता!
जिंदगी की कटीली …..राहों में,
सोच आसां …सफर नहीं होता!
तू न खिलती अगर कली जैसी,
मैं भी् तेरा भ्रमर …..नहीं होता!
कोई प्रेमी तुम्हें ……मिला होगा,
मुझ सा् कोई मगर ..नहीं होता!
…… ✍ प्रेमी