तुमने तो
तुमने तो अपने तईं काँटे लीने बोय,
वे सोवें चादर तान तू रातों को रोय।
तू रातों को रोय चैन पल भर नहि पाती,
रोवत कलपत रहति याद जब उनकी आती।
बड़े भये बेपीर खबर नहि लीनी उनने,
बिरहा लियौ लगाय जान कूँ अपनी तुमने।
जयन्ती प्रसाद शर्मा
तुमने तो अपने तईं काँटे लीने बोय,
वे सोवें चादर तान तू रातों को रोय।
तू रातों को रोय चैन पल भर नहि पाती,
रोवत कलपत रहति याद जब उनकी आती।
बड़े भये बेपीर खबर नहि लीनी उनने,
बिरहा लियौ लगाय जान कूँ अपनी तुमने।
जयन्ती प्रसाद शर्मा