तुमने जो छुआ…
मैं तो पाषाण
बन गया था,
छुआ जो तुम ने मुझे
ये पत्थर भी पिघल गया
रोम रोम सिहर उठा
भावनाओं का फ़िर एक
ज्वार उठा.!!!!
हिमांशु Kulshreshtha
मैं तो पाषाण
बन गया था,
छुआ जो तुम ने मुझे
ये पत्थर भी पिघल गया
रोम रोम सिहर उठा
भावनाओं का फ़िर एक
ज्वार उठा.!!!!
हिमांशु Kulshreshtha