तुमको समझाने आए हैं __ कविता
सुनो तरुणो युवा साथियों कुछ भाव आज हम लाए है।
सुन लो इनको चुन लो इनको, तुमको समझाने आए है।
माना नया जमाना है पर संस्कार न छोड़ो रै
परंपराएं जो मिली है तुमको उनके संग भी दोडो रै।।
आधुनिकता की आंधी में, क्यों इनको तोड़ो रै ।। सुन लो इनको चुन लो इनको,
तुम को समझाने आए है
बात बात में गुस्सा करना कैसी आदत यह डाली।
बड़े बुजुर्गों के सम्मान में मन की बगिया की खाली।
महके मन की बगिया तुम्हारी हम बीज उगाने आए हैं।।
सुन लो इनको चुन लो इनको तुमको समझाने आए हैं।
गुरुजनों का कहना मानो मात पिता की सेवा जानो।
अपनी जिद्द के पीछे तुम कभी बात कोई ना तानों ।।
नेक इरादे रखो सदा तुम, तुम्हें जगाने आए हैं।।
सुन लो इनको चुन लो इनको, तुमको समझाने आए हैं।
राजेश व्यास अनुनय