तुमको मुझसे प्यार नहीं है
दिलोजान से चाहूँ तुमको अब ये चर्चा आम है।
तुमको मुझसे प्यार नहीं है ये तुम पर इल्जाम है।
जब सोऊँ तो ख़्वाब तुम्हारा जब जागूँ तो ख़्वाब तुम्हारा।
मेरी साँसें चलतीं थमतीं पाकर तुमसे एक इशारा।
तुमको सोंचा साँझ सबेरे छुप छुपकर दीदार किया।
दिल का वैद्य समझकर तुमको दिल अपना बीमार किया।
कभी निगाहें करम करोगे हसरत आठों याम है।
तुमको हमसे प्यार नहीं है ये तुम पर इल्जाम है।
राह नहीं जो तुम तक जाती उस पर दौड़ नहीं सकता।
माँग तुम्हारी भरने खातिर तारे तोड़ नहीं सकता।
दुनियाँ को दीवाना पागल हिम्मत हारा दिखता हूँ।
सोने के अक्षर से दिल पर नाम तुम्हारा लिखता हूँ।
सिर्फ तुम्हारी ही हसरत में दिल मेरा बदनाम है।
तुमको मुझसे प्यार नहीं है ये तुम पर इल्जाम है।
मैं आँखों की नाजुक पलकें तुम तो हो मीठी लोरी।
लेकिन तुम तो नज़र चुराकर करती हो नींदें चोरी।
बिन लोरी के नींद कहाँ फिर आँखों को आराम कहाँ।
जो कह कहकर हार गया दिल सुनते हो पैगाम कहाँ।
शायद मेरा दिल घायल कर तुम्हें बहुत आराम है।
तुमको मुझसे प्यार नहीं है ये तुम पर इल्जाम है।
संजय नारायण