तुने जो लिखे थे खत
तुने जो लिखे थे खत,
उसे आज भी पढ़ती हूँ।
तेरे संग गुजरे जो पल,
सदा याद किया करती हूँ।
जब भी अपने जूड़े में,
मैं कोई फूल लगाती हूँ।
महकी-सी खुशबू में तुझे
महसूस किया करती हूँ।
-लक्ष्मी सिंह
तुने जो लिखे थे खत,
उसे आज भी पढ़ती हूँ।
तेरे संग गुजरे जो पल,
सदा याद किया करती हूँ।
जब भी अपने जूड़े में,
मैं कोई फूल लगाती हूँ।
महकी-सी खुशबू में तुझे
महसूस किया करती हूँ।
-लक्ष्मी सिंह