तुझे बस खुशियां मिले
हमें इस कदर गम देने वाले
तुझे कोई गम न मिले
बोए है तूने कांटे राह में मेरी
तुझे बस फूल ही मिले।।
खिलते है जैसे गुल गुलशन में
तुझे ऐसी बहारें मिले
जहां भी तू जाए जो भी तू चाहे
तुझे चांद तारे मिले।।
होती है जैसे हरियाली बसंत में
हमेशा तेरा चेहरा खिले
आए तेरी मुश्किलें मेरी ज़िंदगी में
तुझे बस खुशियां मिले।।
जब भी देखता हूं मैं कहीं पर तुम्हें
रह जाते है मेरे होंठ सिले
भूलकर सबकुछ चाहता हूं मैं
मुझे बस तू ही मिले।।
बात करता है मेरे दोस्तों से तू जब
मेरे दिल के तार हिले
नहीं चाहिए अब कुछ भी मुझे तो
मुझे बस तेरे दीदार मिले।।
मेरे लिए क्या तुझे नहीं लगता
मुझे भी थोड़ी खुशी मिले
साथ मिल जाए तेरा तो मेरा दिल
फिर से फूलों सा खिले।।
हो ना रब को मंज़ूर अगर हमारा साथ
तो अब मेरी ये सांसें रूके
है दुआ रब से मिले गर मौत भी मुझे
वो भी तेरी बाहों में मिले।।