#तुझे खोकर#
तुझे खोने का रंज नहीं है मुझे
तुझे खो कर पाया है बहुत कुछ
पायी है दर्द से निज़ात
एक सुकूं की रात
लवों पे औरों की बात
तुझे खोकर…….
तुझे खोकर कुछ सीख लिया है मैने
गमों को छुपाना
खुल के मुस्कुराना
और जीने का बहाना
तुझे खोकर….. …
तुझे खोकर निखर गई है
मेरी कलम की रोशनाई
बिखरी हुई आशनाई
और सूनी सी तन्हाई
तुझे खोकर………
तुझे खोकर छोड़ दिया है मैने
छुप के रोना
जागते हुये सोना
और महफ़िल का कोना
तुझे खोकर ……..
प्रियंका मिश्रा_प्रिया