तुझे क्या चाहिए ज़िंदगी?
तुझे क्या चाहिए ज़िंदगी? चंद लम्हे सुकून भरे
दूर किसी हरयाले जंगल में जुगनूओं की टिमटिमाहट
चांदनी रात में चाँदी सी फैली समुन्द्र की रेत
झींगुर का गान
हल्की सी ठंडक
रात की ख़ामोशी या दूर बजती कोई सुरीली तान
हाथों में हाथ या चाहिए तन्हाई का साथ
कुछ पन्ने कोरे से और कलम दवात
जिस पर उकेरे तू अपने अहसास !
दिल का मौसम सर्द बर्फीला
तेरी करवट चलता हुआ, अब बता भी दे क्या चाहिए तुझे ज़िंदगी ???