Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2024 · 1 min read

तुझसे लिपटी बेड़ियां

स्त्री तेरे पैरों में ही क्यों बेड़ियां हैं
सोने चांदी की हों
या लोहे तांबे की हों
बेड़ियां तो बेड़ियां हैं
इन बेड़ियों ने तुम्हें
सदियों से संस्कारों में कैद किया है
सभ्यता और संस्कृति के नाम पर
तुम्हारे अस्तित्व पर प्रहार किया है
हजारों बेड़ियों में जकड़ा पकड़ा है
बेड़ियां पैरों में होती हैं अनेक
नारी तेरे अस्तित्व को नकारती हैं
कभी सभ्यता संस्कृति के नाम की
कभी जाति और धर्म के नाम की
यह बेड़ियां ही तो होती हैं
जो अकेले स्त्रियों के नाम की होती हैं
समाज में स्त्री पुरुष दोनों की
प्रजातियां होती हैं फिर क्यों
सारी जिम्मेदारियां संस्कारों की
दुहाई सभ्यता और इतिहास की
स्त्रियों को ही क्यों मिलती हैं
स्त्री हो सभ्यता और संस्कृति की
बेड़ियों से जकड़ी हो
कबतक जकड़ी रहोगी
अन्याय कब तक सहती रहोगी
अपनें अस्तित्व को स्वीकार करो
नारी हो अपना सम्मान करो
अपनी पहचान बनाओ
जिम्मेदारियों का बोझ उठाओ
संस्कारों से भले ही श्रृंगार करना
लेकिन आत्मसम्मान जाग्रत रखना
उन बेड़ियों को तोड़ देना
जो तुम्हें सभ्यता और संस्कार सिखाती हैं
उनके नाम पर जो तुम्हारे अहम को कुचलती हैं
जो तुम्हें आगे बढ़ने नहीं देती हैं
कंधे से कंधा मिलाओ सखी
कर्तव्यपथ पर आगे आओ सखी
वो बेड़ियां जो तुमसे लिपटी हैं
उन बेड़ियों को ज्ञान से तर्क से
उतार आओ सखी
क़दम से क़दम मिलाकर रखो कदम
अपना सम्मान करो
ख़ुद पर विश्वास करो
जब तुम्हारा चरित्र पवित्र है
तो क्यों प्रमाण देती रहोगी
कब तक अपनी आत्मा को मारती रहोगी
_ सोनम पुनीत दुबे

3 Likes · 1 Comment · 127 Views
Books from Sonam Puneet Dubey
View all

You may also like these posts

कामयाबी का नशा
कामयाबी का नशा
SHAMA PARVEEN
हा रघुनन्दन !
हा रघुनन्दन !
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आजादी
आजादी
नूरफातिमा खातून नूरी
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
Ravikesh Jha
Preschool Franchise
Preschool Franchise
Alphabetz
ममता की छाँव
ममता की छाँव
Kanchan Advaita
दोस्ती की हद
दोस्ती की हद
मधुसूदन गौतम
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
"ख्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
जिद ना करो
जिद ना करो
A🇨🇭maanush
माशूक मुहब्बत में...
माशूक मुहब्बत में...
आकाश महेशपुरी
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
दौड़ पैसे की
दौड़ पैसे की
Sanjay ' शून्य'
एक पल को न सुकून है दिल को।
एक पल को न सुकून है दिल को।
Taj Mohammad
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
*मित्र हमारा है व्यापारी (बाल कविता)*
*मित्र हमारा है व्यापारी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
गूॅंज
गूॅंज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
Dr. Man Mohan Krishna
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
Ravi Betulwala
गणेश वंदना (धत्तानंद छंद )
गणेश वंदना (धत्तानंद छंद )
guru saxena
सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने
सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने
VINOD CHAUHAN
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
Abhishek Soni
बेटी दिवस
बेटी दिवस
Deepali Kalra
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
छछूंदर के सिर पर चमेली का तेल।
छछूंदर के सिर पर चमेली का तेल।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
.
.
Amulyaa Ratan
*बल गीत (वादल )*
*बल गीत (वादल )*
Rituraj shivem verma
Loading...