तुझसे मोहब्बत हो गई है
करे क्या दिल की जब दिल से बग़ावत हो गई है
मुझे ऐ जिंदगी तुझसे मोहब्बत हो गई है
अदाएँ ये सजा देने की देखी जब से मैने
मुझे गुस्ताखियाँ करने की आदत हो गई है
उसी की याद आकर के सताने फिर लगी है
मिरी उस शख्स से फिर से अदावत हो गई है
तुम्हारी गर्मजोशी इस कदर क़ाबिज़ हुई के
मिरे ठंडे बदन को भी हरारत हो गई है
क़यामत से डरा करती थी वो जो बचपने में
मजा देखो वो अब खुद ही क़यामत हो गई है
मैं वापस आ रहा हूँ और कुछ दिन साथ देने
सजा-ए-मौत में मेरी जमानत हो गई है