Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2024 · 1 min read

तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,

तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,
सुलझ जाता है मेरे भीतर सब
कोई उलझन नही रहती,
सोचती हूँ ऐसा क्या वास्ता है हमारा,
जब भी होती है गुफ्तगू तुझसे
सब हल्का हो जाता है
तब किसी से ना कोई शिकायत
और ना ही जिस्म में कोई हरारत रहती😘✍️

1 Like · 121 Views
Books from Vaishaligoel
View all

You may also like these posts

मुझे कुछ देर सोने दो
मुझे कुछ देर सोने दो
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
Neelofar Khan
तुम्हे वक्त बदलना है,
तुम्हे वक्त बदलना है,
Neelam
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
Dr fauzia Naseem shad
सुनो सखी !
सुनो सखी !
Manju sagar
किसी के दुःख को अपनें भीतर भरना फिर एक
किसी के दुःख को अपनें भीतर भरना फिर एक
Sonam Puneet Dubey
#रंगभूमि बलात् छल कमाती क्यों है
#रंगभूमि बलात् छल कमाती क्यों है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
रावण का आग्रह
रावण का आग्रह
Sudhir srivastava
संसद में लो शोर का,
संसद में लो शोर का,
sushil sarna
"Awakening by the Seashore"
Manisha Manjari
👌
👌
*प्रणय*
किराये का मकान
किराये का मकान
Shailendra Aseem
आई वर्षा
आई वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मतदाता को चाहिए, दे सशक्त सरकार (कुंडलिया)*
*मतदाता को चाहिए, दे सशक्त सरकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हर किसी का कर्ज़ चुकता हो गया
हर किसी का कर्ज़ चुकता हो गया
Shweta Soni
बुढ़ापा भी गजब हैं
बुढ़ापा भी गजब हैं
Umender kumar
प्रेम का वक़ात
प्रेम का वक़ात
भरत कुमार सोलंकी
बेटा
बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मन
मन
Harminder Kaur
है सच्ची हुकूमत दिल की सियासत पर,
है सच्ची हुकूमत दिल की सियासत पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
हमारे मां-बाप की ये अंतिम पीढ़ी है,जिनके संग परिवार की असली
हमारे मां-बाप की ये अंतिम पीढ़ी है,जिनके संग परिवार की असली
पूर्वार्थ
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
bharat gehlot
ज़माना
ज़माना
Rajeev Dutta
Day moon
Day moon
Otteri Selvakumar
तुम मेरे हम बन गए, मैं तु्म्हारा तुम
तुम मेरे हम बन गए, मैं तु्म्हारा तुम
Anand Kumar
तुम कहो या न कहो
तुम कहो या न कहो
दीपक झा रुद्रा
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
कवि रमेशराज
Loading...