तुझको संगम की
तुझको संगम की हंसी मूरत लिख दूँ
मेरे ख्वाबों की तुझे जरूरत लिख दूँ
जिंदगी की हंसी सुबह बनकर आये
तुझ पर तो कविता खूबसूरत लिख दूँ
अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से
तुझको संगम की हंसी मूरत लिख दूँ
मेरे ख्वाबों की तुझे जरूरत लिख दूँ
जिंदगी की हंसी सुबह बनकर आये
तुझ पर तो कविता खूबसूरत लिख दूँ
अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से