Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2021 · 1 min read

तुझको पढ़नें की आदत।

बार-बार तुझको पढनें की आदत सी हो रही है |
उफ ये सादगी तुम्हारी तो कयामत सी हो रही है ||1||

फिर आया हवा का झोंका तेरी खुशबू लेकर |
शायद हमारें घर पर उनकी आमद सी हो रही है ||2||

अभी तो महफिलें शाम थी कितनी बेगानाी सी |
आने से तेरे सबको सबसे निस्बत सी हो रही है ||3||

खिजा़ ही खिजा़ थी हर सम्त कबसे बहार में |
जर्रे – जर्रे को अबतो तुमसे चाहत सी हो रही है ||4||

मुझे आरजू नही है रक्से कमर फ़िरदौस की |
तुझको पाकर जिन्दगी मेरी जन्नत सी हो रही है ||5||

हुस्न इश्क़ का रिश्ता होता है शोला शबनम का |
आफताब और मेहताब से ये जु्र्रत सी हो रही है ||6||

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 1 Comment · 395 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

मस्तमौला
मस्तमौला
Sudhir srivastava
सुहागन बनाम अर्धांगिनी
सुहागन बनाम अर्धांगिनी
वीर कुमार जैन 'अकेला'
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Ragini Kumari
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
हिमांशु Kulshrestha
कमौआ पूतोह
कमौआ पूतोह
manorath maharaj
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
धर्म और कर्मकांड
धर्म और कर्मकांड
Mahender Singh
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
Indu Singh
हाइकु - 1
हाइकु - 1
Sandeep Pande
मां की दुआओं का असर
मां की दुआओं का असर
डॉ. एकान्त नेगी
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दिवस संवार दूँ
दिवस संवार दूँ
Vivek Pandey
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
bharat gehlot
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
घोसी                      क्या कह  रहा है
घोसी क्या कह रहा है
Rajan Singh
4564.*पूर्णिका*
4564.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपवाद
अपवाद
Dr. Kishan tandon kranti
*लव इज लाईफ*
*लव इज लाईफ*
Dushyant Kumar
"राजनीति में जोश, जुबाँ, ज़मीर, जज्बे और जज्बात सब बदल जाते ह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
#मेरे नयनों के उजियारे
#मेरे नयनों के उजियारे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
पल पल है जिंदगी जिले आज
पल पल है जिंदगी जिले आज
Ranjeet kumar patre
जीवन
जीवन
Rambali Mishra
* जिसने किए प्रयास *
* जिसने किए प्रयास *
surenderpal vaidya
सत्य और राम
सत्य और राम
Dr. Vaishali Verma
🙅दोहा🙅
🙅दोहा🙅
*प्रणय*
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़्वाहिशें
ख़्वाहिशें
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
पीले पत्ते दूर हो गए।
पीले पत्ते दूर हो गए।
Kumar Kalhans
Loading...