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19 Oct 2023 · 1 min read

तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।

तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
विपत्तियां जरा समहल के आना मैंने खुद को व्रज बना लिया है।। लेखक =विश्वेंद्र कुमार

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