तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
विपत्तियां जरा समहल के आना मैंने खुद को व्रज बना लिया है।। लेखक =विश्वेंद्र कुमार
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
विपत्तियां जरा समहल के आना मैंने खुद को व्रज बना लिया है।। लेखक =विश्वेंद्र कुमार