तीन शर्त”””‘
बुरा मत देखो
बुरा मत सुनो
बुरा मत बोलो
मंजूर है।
पर मेरी भी तो तीन बात है
या कहो तीन शर्त है
रोटी !
कपड़ा !!
मकान !!!
बहुत लालयित हो इनके लिए ?
तपस्या करो,भक्ति करो,प्रसन्न करो ।
करोड़ों देवता हैं यहां
किसी को भी खुश कर लो
अपनी बात कह दो।
अरे ! कितनी पूजा नहीं की ?
कितने फूल नहीं चढ़ाये ?
पर कौन सुनता है ?
शंखनाद वे बधिर हो गए
फूलों की गंध में वे भूल गए।