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20 Dec 2022 · 1 min read

*तीन माह की प्यारी गुड़िया (बाल कविता)*

तीन माह की प्यारी गुड़िया (बाल कविता)
________________________
1
बेफिक्री से चुनमुन सोई
कभी न चिंता कोई ढोई
2
तीन माह की प्यारी गुड़िया
अपने ही ख्यालों में खोई
3
हॅंसकर बोलो तो हॅंसती है
भूख लगी जो तो फिर रोई
4
दादी कहतीं विश्व सुंदरी
इससे सुंदर हुआ न कोई
5
ठंड आ गई ढक कर रखना
कहकर दादा लाए लोई
_________________________
लोई = पतले ऊन से बना हुआ हल्का कंबल
________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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