तीन तांका
प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
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तांका
01.
शरद रात
मध्य रात्रि का चाँद
हो पुलकित
दे गया पूनो को वो
पियूष की सौगात ।
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02.
शरद रात
आज पूनो का चाँद
प्रेम पियूष
खूब बरसाएगा
लिए कोमल याद ।
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03.
रात पूनम
शरद की चाँदनी
धरा पे बिछी
कोर स्नेह गगन
आज चाँद मगन ।
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¤ प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
मो.नं. 7828104111