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7 Aug 2023 · 1 min read

*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*

तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)
————————————
तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव
आत्मा को अब कब कहॉं, किसी वस्तु का चाव
किसी वस्तु का चाव, चली नव-यात्रा करने
नए क्षितिज के पार, नए रंगों को भरने
कहते रवि कविराय, मोक्ष का कब है वीजा
सामाजिक शुभ रस्म,उचित है दसवॉं-तीजा
————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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