*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*
तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)
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तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव
आत्मा को अब कब कहॉं, किसी वस्तु का चाव
किसी वस्तु का चाव, चली नव-यात्रा करने
नए क्षितिज के पार, नए रंगों को भरने
कहते रवि कविराय, मोक्ष का कब है वीजा
सामाजिक शुभ रस्म,उचित है दसवॉं-तीजा
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451