Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2024 · 1 min read

**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**

**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
***************************

तीखी नजरें आर – पार कर बैठे।
नाजुक सा दिल तार-तार कर बैठे।

लम्हा था तन्हाँ भरा-भरा शातिर,
बातों – बातों में विचार कर बैठे।

इंजामों का यूँ अता – पता ना था,
चाहत अपनी बेशुमार कर बैठे।

हादसे से हादसा हो गया पथ पर,
बैठे – बिठाए खुद शिकार कर बैठे।

मनसीरत माजरा समझ नहीं पाया,
पत्थर दिल यार से प्यार कर बैठे।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नौकरी गुलामों का पेशा है।
नौकरी गुलामों का पेशा है।
Rj Anand Prajapati
शख्सियत ही कुछ ऐसी है,
शख्सियत ही कुछ ऐसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सफ़र ख़ामोशी का
सफ़र ख़ामोशी का
हिमांशु Kulshrestha
बेबसी!
बेबसी!
कविता झा ‘गीत’
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Shyam Sundar Subramanian
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
शेखर सिंह
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
हम शरीर हैं, ब्रह्म अंदर है और माया बाहर। मन शरीर को संचालित
हम शरीर हैं, ब्रह्म अंदर है और माया बाहर। मन शरीर को संचालित
Sanjay ' शून्य'
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
ओसमणी साहू 'ओश'
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
हाइब्रिड बच्चा (मुक्तक)
हाइब्रिड बच्चा (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
Shweta Soni
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
"कथनी-करनी"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ बाते बस बाते होती है
कुछ बाते बस बाते होती है
पूर्वार्थ
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
Ashwini sharma
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
Suryakant Dwivedi
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
*संस्कारों की दात्री*
*संस्कारों की दात्री*
Poonam Matia
मुलाज़िम सैलरी पेंशन
मुलाज़िम सैलरी पेंशन
Shivkumar Bilagrami
दिल का दर्द
दिल का दर्द
Dipak Kumar "Girja"
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
क्या कहें ये गलत है या यारो सही।
क्या कहें ये गलत है या यारो सही।
सत्य कुमार प्रेमी
..
..
*प्रणय प्रभात*
*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी
*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी
Ravi Prakash
Loading...